२४ तीर्थंकरों का परिचय
यहाँ पर २४ तीर्थंकरों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उनका नाम, प्रतीक (लक्षण), माता-पिता के नाम, और शरीर का वर्ण (धनुष/रंग) शामिल हैं।
२४ तीर्थंकरों का परिचय (माता-पिता व शरीर वर्ण सहित)
| क्रम | तीर्थंकर का नाम | प्रतीक | जन्मस्थान | माता का नाम | पिता का नाम | शरीर वर्ण (धनुष) |
|---|---|---|---|---|---|---|
| 1 | ऋषभदेव (आदिनाथ) | बैल | अयोध्या | मरुदेवी | नाभिराय | स्वर्ण वर्ण (गोल्डन) |
| 2 | अजीतनाथ | हाथी | अयोध्या | विजयादेवी | जितशत्रु | स्वर्ण वर्ण |
| 3 | संभवनाथ | घोड़ा | श्रावस्ती | सेनादेवी | जेतराय | लाल वर्ण |
| 4 | अभिनंदननाथ | वानर | अयोध्या | सिद्धार्ता | संवर | स्वर्ण वर्ण |
| 5 | सुमतिनाथ | चक्र | कुण्डलपुर | मेघावती | मेघराज | स्वर्ण वर्ण |
| 6 | पद्मप्रभु | कमल | काशी | सुसीमा | श्रीधर | लाल वर्ण |
| 7 | सुपार्श्वनाथ | स्वस्तिक | वाराणसी | रमादेवी | प्रभासेन | गंधपद्म वर्ण |
| 8 | चंद्रप्रभु | अर्धचंद्र | चंद्रपुरी (काशी) | लक्ष्मणा | महासेन | श्वेत वर्ण |
| 9 | सुप्पदंत (पुष्पदंत) | मगरमच्छ | काकंधी | पुष्पावती | सुग्रस्सेन | श्याम वर्ण |
| 10 | शीतलनाथ | कल्पवृक्ष | भद्रिकापुरी | नंदा | दृढ़रथ | पद्म वर्ण |
| 11 | श्रेयांसनाथ | गैंडा | सिम्घापुर | विशाल | विश्वसेन | स्वर्ण वर्ण |
| 12 | वासुपूज्य | भैंसा | चंपापुरी | जयशेना | वसुपूज्य | लाल वर्ण |
| 13 | विमलनाथ | सूअर | कौशांबी | श्यामा | कृतीवर्मा | स्वर्ण वर्ण |
| 14 | अनंतनाथ | फणी (सर्प) | अयोध्या | सुलोचना | सिन्धुवर्मा | स्वर्ण वर्ण |
| 15 | धर्मनाथ | वज्र | रत्नपुरी | सुनीता | भानु | स्वर्ण वर्ण |
| 16 | शांतिनाथ | मृग (हिरण) | हस्तिनापुर | अचिरा | विश्वसेन | स्वर्ण वर्ण |
| 17 | कुंथुनाथ | बकरी | हस्तिनापुर | श्रीदेवी | सूर्यसेन | श्याम वर्ण |
| 18 | अरहनाथ | मछली | हस्तिनापुर | मित्रा | सुदर्शन | श्वेत वर्ण |
| 19 | मल्लिनाथ | कलश | मिथिला | प्रभावती | कुण्डल | नील वर्ण |
| 20 | मुनिसुव्रतनाथ | कछुआ | राजगृह | पद्मावती | सम्राट सुमित्र | श्याम वर्ण |
| 21 | नमिनाथ | नीला कमल | मिथिला | विप्र | विजयराज | नीला वर्ण |
| 22 | नेमिनाथ | शंख | सौरिपुर (द्वारिका) | शिवा देवी | समुन्द्रविजय | श्याम वर्ण |
| 23 | पार्श्वनाथ | सर्प | वाराणसी | वामा देवी | अश्वसेन | नीला वर्ण |
| 24 | महावीर स्वामी | सिंह | कुंडलपुर (वैशाली) | त्रिशला | सिद्धार्थ | स्वर्ण वर्ण |
विशेष तथ्य
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महावीर स्वामी जैन धर्म के २४वें और अंतिम तीर्थंकर हैं।
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नेमिनाथ श्रीकृष्ण के चचेरे भाई थे।
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केवल मल्लिनाथ को स्त्री तीर्थंकर के रूप में भी स्वीकार किया जाता है (श्वेतांबर परंपरा)।
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शरीर वर्ण या "धनुष" का अर्थ है – उनका दिव्य शरीर किस प्रकार की आभा/रंग लिए हुए था।
